Articles
Recent Hindi Articles posts -->
दिल को छू गई
हवा की ये मतवाली चाल
फूलोँ की झूमती डाल
रंग-बिरगेँ किटोँ का जाल
इसको कष्ट ना पहुँचाना रे मानव !
छु गई है दिलको मरे
आया बसंत बनकर ये कैसा मेहमान
खेलती है संग मेरे ये खेल
ग्रीष्म मे जला दिया, शीत मे जमा दिया
रुठ गए हमतो, बसंत मनाने चला आया
उदासी भरे जीवन को फिर से महका दिया
रँग-बिरगेँ फूलो ने सबको मोहजाल मे फसा लिया
चली आई सरसोँ हाथ पीले करके
सबके दिलो को दिवाना बना दिया
आया यादोँ का मेला, बुढ़ापे मे भी जवानी ला गया
ऐसा आया बसंत मेरे दिल को भा गया
होली की ये रंगोली पिचाकारी का पानी
खट्टी मिट्टी यादेँ लेकार
बसंत सबको दिवाना बना गया
हरी-भरी कनकेँ, तोबा ये झूमती डाल
देख-देख इसको हमको हमतो पागल हो गए पागल
घोड़ेला अब तुमको क्या-क्या बताए यार
रोते को हँसा दिया, बिछड़े को मिला दिया
आया यादोँ का मेला, बुढ़ापे मे भी जवानी ला गया
ऐसा आया बसंत मेरे दिल को भा गया॥
Writer: Ashish Ghorela
>>
Share to: facebook twitter Google
Visitor: T:62748 M:20 W:12 D:3